दिल गावल लही दिल के गुनाव भैल,
अब चाहत लगे की चुनाव भैल
नहीं के उपे हमरा अइतबार होता रे
न्यावाः प्यारी के नाम पे बैपार होता रे
राजा हीरी की जैसन का हाँ कता हूं प्यार भेटाता रे
धंदा उलत रुपिया के लोब मेरो जैदो का काता रे
राजा हीरी की जैसन का हां कता हूं प्यार भेटाता रे
धंदा उलत रुपिया के लोब मेरो जैदो का काता रे
अब न कवनो गरीब से दीदार होता रे
स्न्यावाः प्यारी के नाम पे ब्यापार होता रे
रमेशराज सच कहीले बतिया जने भुला जई हां
कवनो नारी के फेरामेशर वन जने जुरा जई हां
जन लेवा दहिया के परचार होता रे
स्न्यावाः प्यारी के नाम पे ब्यापार होता रे