प्यार खाते न पने जमाना से लडब
भोले ही दुनिया के नजर में गडब
प्यार खाते न पने जमाना से लडब
केहु कर नहीं पाई जुदा हम के तुहरा से
जब तकले सास रहे हमारा में तब ले मुहबद रहे तुहरा से
तुहरे खातीन जान देये न देहो लेकिन तुहरा के पाई के रहो
शाते बिट के तु रह जाएँ बदुनिया में केहु होखे दे न मिला न जधवनिया से
अगर हो गईल जनमो जनम के तुहरा से
जब तकले सास रहे हमारा में तब ले मुहबद रहे
तुहरा से
हो जाएँ बुजान अब तु मुश्कील हो बतिया के सोची सोची डोडता दिल हो
डोडता दिल हो
दिपक रोह बोतु दिल के भी तोरीया बतु मन लोत तुहो मरसोरीया
खल जीती जमाना हमनी के मार के
जब तकले सास रहे हमारा में तब ले मुहबद रहे तुहरा से