या नर्द धूले
तेरी मिठास में है कुछ खास
जैसे पकवानों में हबूत स्वात
तेरे संकटती है जिनगी प्यालों में
तेरे बिना हर लमः जले मबब के ठालों में
प्यार का तरका
हर सांस में बढ़कता
तेरी हर रादा
दिल में बेजली गिराती
चमचमचमके
ये रिष्टा हमारा
तेरी खुशबों से
दिल मेरा वहकता
तेरी आदे तंदूरी
खाबों मों की किरन
जैसे जले भी समित्था
दिल का ये वन
तेरे बिना खामोशी की रसोई
तेरा इशक है गैसे
गर्मा गर्म कोई
जो तुम साथ हो तो हर दिन दीवाली
तेरे बिना हो जाने जा
जैसे ठंदी ठाली
तेरे अश्थ के मसालों में बस जाता हूँ
तेरे करीब ाके खुद को पाता हूँ
प्यार का तढ़का,
हर सांस में भढ़कता
तेरी हर अदाब दिल में बिजली गिराती
चमचमचमके,
ये रष्टा हमारा
श्रूबू से दिल मेरा महकता
रंग बिरंगी दुनिया तेरे सम सजती
तेरी एक मुस्कान जिन्मगी बनती
तू है बोव सादि
जो हर लमह में
इश्क की थाली भर दे सपनों के सहारे में