हद से भी ज़्यादा तोँपे अत्बार हो गई
जाहत में दिलवा पेकरार हो गई
जब ले सास रही महापत सी जब रह जाएँ
सावन के जैसं जैहन तू बरसत रहा जाएँ
यह प्यार बहार के मौसम में हम भी ज़द रह जाएँ
गर छे बदरीया
चमके विजूरीया
लागा तड़ार आवा धाला कवरीया
वहे जब पवन वा उड़नी सरके लागेला
देखी देखी के जियरा मोर धड़के लागेला
हर जन मिलाए अपने और एक हीचत रह जाए
सावन के जैसें जान तो बरसत रहा
हो इप्यार-बहार के मौसम में हम भीजत रह जाए
सावन के जैसें जान तो बरसत रहा हो
इप्यार-बहार के मौसम में हम भीजत रह जाए
इशक के फितूरबा
अलगे सुरूरबा
मिल ता सुकून बात
खुछ ता जरूरबा
बढ़ के भाईल बाते
हट बिटी एक सातीस हो
इशक के नसा में रूबल बाते
सुरज सतीस हो
अस्मन करे बुन्दे बुन्देर इसत रह जाइे
सानवन के जैसें जान तू बर्सत रहा हो
ही प्यार बहार के महासम में हम भीज़त रह जाए
सावन के जैसन जान तू बरसत रहा हो
ही प्यार बहार के मौसम में हम भी जत रह जाएँ
सावन के जैसन जान तू बरसत रहा हो
ही प्यार बहार के मौसम में हम भी जत रह जाएँ