प्यार था ही नहीं तुझी को मुझे से कभी
तु मुझे जूते खाब दिखाता रहा
उठीकर दिल ने चाहा है तुझी को मगर
तु तो घहरो की शामें सजाता रहा
दर्द बढ़ता रहा दम निकलता रहा
बेवाफा से ये दिल प्यार करता रहा
प्यार था ही नहीं तुझी को मुझे से कभी
तु मुझे जूते खाब दिखाता रहा
याद कर तु जारा बीटे लम है सबी बीटे लमों में तु मुझे से कहता था ग्या
क्या है याद कर तो men
तू मुझे जूते ख़ौब दिखाता रहा
तूटी कर दिलने चाहे तुझी को मगर
तू तो घईरो की शामें सजाता रहा
धड़कनों में समाया था मैंने तूझे
धड़कनों में मेरे तू धड़क दा रहा
मेरा होके भी तू अब ना मेरा रहा
तेरी
चाहत में दिल ये तडबटा रहा आख बहने लगी दिल भी रोता रहा
फिर भी जालिम से दिल प्यार करता रहा
तार था ही नहीं तुझी को मुझे से कभी तू मुझे जूटे ख़ौब लिखाता रहा
तूटि कर दिल ने चाहा है तुझी को मगर तू तो घईरो की शामें सजाता रहा
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