ट्रेगियोसारी दुनिया जीत लूँ जब तुझ से मैं मिलूँ तेरे खातिर मैं यहाँ हर लमहां रोक लूँजो न तुझ को पास कूँ तो मैं रभ से मांग लूँ तु ही जिद है बस मेरी तु ही मेरी आरजूदिल इबादत कर रहा है तड़कने मेरी सुन तुझ को मैं कर लूँ हासिल लगी है यही दुनसंदिगी की शाख से लूँ कुछ हसी पर मैं चुन तुझ को मैं कर लूँ हासिल लगी है यही दुनकरते हैं