आई ये प्रेमी शजनों ये रागनी आपकी भीच में पूरणमल के किस्से की
बात उस समय की जब पूरणमल बारे साल के बाद अपने पिता का आदेश मान कर
अपनी मोसी नूना दे के दर्शन करने के लिए जाता है तो मोसी नूना दे
जयसे ही पूर्णमल की शाऊम को दोडी पे खड़या वूए देखा
तो कती पागल सी हो जाती है दिवानी हो जाती है
और कहती है कि पूरणमल मैं तुम्हारी दिवानी हो चुकी हूँ
क्यूँ न हम एक दूस्रे से शादी कर ले
जयसे ही पूर्णमल ने ये बात सुनी पूर्णमल पीछे हड जाता है
और मोशी नूना दे कैसे प्रेम का इज़िहार करती है
आईगा इस रागनी के माधम से सुनेगा
जो आपके बीच में हैं देहाती रागनी एंडी जे
जिसको गा रही हूँ मैं आपके अपनी हर्याणि लोग गाई का मनू तवर
सुनेगा जरा कवीने कैसे क्या लिखा है जरा
थेम की बहार आई
कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
ओ सजन ओ बलमार है है
थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
ओ सजन ओ बलमार है है
थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
मैं तो हुई दिवानी तू राजम राणी
मैं तो हुई दिवानी तू राजम राणी
अब तेरे पिता ते डतती ना जवानी
जा बैठ पलंग में पिया
मेरा व्याकूल हो रहा जीया
थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
जा बैठ पलंग में पिया
मैं तो हुई दिवानी तू राणी
मिला हात हात में और गात गात में
मिला हात हात में आई गात गात में
सारस किसी जोड़ी मिल तेरे साथ में
हो मेरा भी तरे गड़ा न्याई
हो मैं तो फूठे गेला ब्याई
थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
ओ सजना ओ बल्मार थेम की बहार आई
कर सोड़े शिंगार आई मिलन भर तारे आई हो
तन ले अंगडाई पिया चाल महल में
मैं बन के दासी रहू तरी टहल में
हो मेरी गेल में मोझ उड़ाई
हो पिया मत दिल में शरमाई
थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
गनी तिशना जागी पिया तेरे रह मिलन की
रह मेरी छाती रस की अद हुई जोबन की
हो राजी बीरे शरण में लेले
हो हुए राजू सुन्दर चेले
थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
ओ सचना ओ भालमार थेम की बहार आई कर सोड़े शिंगार आई
मिलन भर तारे आई हो
मिलन भर तारे आई हो
मिलन भर तारे आई हो