प्रेम दिवानी राधा राणी
दून्डे अपने मन मोहन को
छलके आखों से पानी
प्रेम दिवानी राधा राणी
प्रीत करे ना कोई ऐसी
प्रीत करे कानानी जैसी
प्रीत करे ना कोई ऐसी
प्रीत करे कानानी जैसी
भून किनाता चनमू का
बन बैठा है वो परदेशी
पल भर में ही तोड़ दी उसने
पल भर में ही तोड़ दी उसने
कैसे प्रीत पुराणी
प्रेम दिवानी राधा राणी
पुछे जाकर उनसी कोई
कुछ तो सोचो अब निर्मोही
पुछे जाकर उनसी कोई
कुछ तो सोचो अब निर्मोही
वरिंदावन में देख लो जाकर
भत की राधा खोई खोई
तुम बिन कोई शाम धोरे
उसकी प्रेम कहानी
प्रेम दिवानी राधा राणी
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật