प्राण पिया वो है मोरे लिए ये ही प्रभु लक्ष्मी पती जग के लिए
प्राण पिया वो है मोरे लिए ये ही प्रभु लक्ष्मी पती जग के लिए
प्रभु लक्ष्मी पती जग के लिए प्राण पिया वो है मोरे लिए
नीलों वरने
वर्णमनी जो पिलिये वो है जीवन चोती बने मोरे लिए प्रान पिया वो है मोरे लिए
घृत के निर्टों ही genie के निर्चत ही लाख मिनद जत्मों को सब्सक्राइब खोए वो चले रातों को कह रहा
मैं आत्मक पड़ कर दो
हम होंगे उदास दिया तड़पाएं हम और होंगे दिखाते कहीं लेलाएं तुम्हें लेलाएं तुम्हें प्रान पिया वो ही मोरे लिए
दिश दिन शुभ लाभ पाते हो केवल एक दिन दया न मेरी खाते हो
देव किते चाहे देम न क्या मोहे अपने लगाना अंग मन में न क्या
मन में न क्या
प्रान पिया
वो ही मोरे लिए
कमल चोरे न दोना भगते जो छूए
कमल चोरे न दोना भगते जो छूए
अगर मैं उन्हे रखूँ ओ दि तैसे वो छुए
मैं उन्हे रखूँ ओ दि तैसे वो छूए
श्रीका
श्रीपद सेवा पुजा मान लिया है उनकी देवी हुई जग ने जान लिया है
प्रान पिया वो ही मोरे लिये ये ही प्रभु लक्ष्मी पते जग के लिए
प्रान पिया वो ही मोरे लिये
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