रोहित परजापती मंडोरा,
राजा परजापती जालोन और अपने जेडियेस सोनू
उपहार के ठोरे के दिल में कुमहारी तू बसभीरे
उपहार के ठोरे के दिल में कुमहारी तू बसभीरे
उपहार के ठोरे के दिल में कुमहारी तू बसभीरे
सेफ मूजिक
उम्हार के घर मैं सुन ले तू चोरी बण के मारानी रह वेगी
रे सोने हی सوने میں کر جوں گا پیلی जिस दिन भी तू कह वेगी
उमार के गर में सुन ले तू छोरी बन के महराणी रह वेगी
देरे कानों में बाली भी छोरी रही रे की पहरावेंगे
से तनने भी हाके पर जापत ले जावेंगे
रे गाटी पह़ गाटी आवेगी तने लेने तेरे गाम में
रे दूर दूर तक जावेंगा ऐसा धुमा उठावेंगे
जावेंगे
परजापती की घरवाली बन जा मैड़म ना इतना सोचे
परजापत ले जावेंगे
रदे सहर से तन्ने भी हाके परजापत ले जावेंगे