अनन्द राजा
बैठाला रही हमा सैअखिसे जावा,
ओही घरी तोही देला मैसेजावा
पुछा पुछी में बत परचारे भाई,
जावन कही लानाई हारने यार परचारे सस्रा रहले भाई
मूरी पधाई देले हाथ के, कैसे छुपाई बोला बात के
बढ़ल जहमेला, खेलल खेला, नाई हारने तुहारा साथ के
बढ़ल जहमेला, खेलल खेला, नाई हारने तुहारा साथ के
जावन कही लानाई हारने यार परचारे सस्रा रहले भाई
मिनी मनोज पिया हो,
जस बुता बले दिया हो,
खुलल बापे किंग कहिले जेचेकिंग,
भरकेला गल जिया हो
खुलल बापे किंग कहिले जेचेकिंग, भरकेला गल जिया हो
खुलल बापे किंग कहिले जेचेकिंग, भरकेला गल जिया हो
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