कोई से के हो खबला न कोई छोड़ न कोई छोड़ न कोई छोड़
कोई से के हो खबला न कोई छोड़ न कोई छोड़ न कोई छोड़
पिया भाना ता के हमरी और छोड़ी नाना दी
राची राची कोई खुब सोड़ा हो सिंगारावा
एको बेर पिया भाना कोई लादी दारावा
और साजिये से होई जाना खोर छोड़ी नाना दी
कोई के बिया भाना तो हो गई लिला चार हो
एका रसनी मन रोहे नहीं हर के यार हो
और कोहे मैं दूख जार लोर छोड़ी नाना दी
बिया भाना ता के हमरी और छोड़ी नाना दी