शौप थी घार पे सोबे धनिया
गोईल निकोल हो
का कोर तारू राणी
घर के भी तोड़ हो
शौप थी घार पे सोबे धनिया गोईल निकोल हो
का कोर तारू राणी
घर के भी तोड़ हो
कोबले का पारे दोड़ा लेंगे रोही खोरीया
आवधानी पे लिके राजा पियर पियर सहरीया
अब का ताना दुरी करेलू चल भूकना
अरे रुकी न
जान दाबहो निया
ता जल्दी चला ठीक है बाद
आवधानी पे लिके राजा पियर पियर सहरीया