Nhạc sĩ: Ram Kumar
Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
सोमती
शेरखान की बात करता हूं जिसको तुमने अपना नए यार बनाया है और अपना नए पती बनाया है मुझे मरा समझ कर जिसको तुमने मेरी सेज पर चड़ाया है
महराज ये जूटी बात है मैं किसी शेरखान को नहीं जानती
तेरी जूटी और सच्ची बात से कुछ नहीं होगा सोमधी
मैं आपके कसम खाती हूँ
कसम खाने से भी कुछ नहीं होगा
मुझे कल भाशी लग जाएगी
और तुम मेरे बाद सेरखान के साथ रंगोली मनाना
नहीं महराज आप मेरी बात सुनी हूँ
पिया कोण सेरखान नहीं जानती
पिया कोण सेरखान नहीं जानती
पिया कोण सेरखान नहीं जानती
कोण शिरिखा नहीं जानती कसम आपकी खाऊं मैं
क्यों जुटी खावे कसम राण ना तड़के जिन्दा पाऊं मैं
कोण शिरिखा नहीं जानती कसम आपकी खाऊं मैं
क्यों जुटी खावे कसम राण ना तड़के जिन्दा पाऊं मैं
क्यों जुटी खावे कसम राण ना तड़के जिन्दा पाऊं मैं
तू मारोगे
पिया जी अपनी खुद की बयाई हुई
इस्तरीप रात इलजाम लगाते हैं
मुझे मुझे
अगर पिया जी कहना है तो अब उस सेरखान को कहो
मेरी बात सुनिया ऐसा कुछ भी नहीं है
खुद व्याही का आज बता दे
करता क्यों विश्वास नहीं
तेरे जैसी ओरत जग में और कोई बदमात नहीं
मैं पतिवर्ता नारता के रही चर्णों की दस नहीं
मेरा पढका ओर कटा रे दिखा जो
आज तेरे वे पास नहीं
तेरी बुआली गी थिने
सची बात बताऊं
सची बात बताऊं
मेरे खानदान में भी ना कोई पत किसने बुआ पताओ मैं
या कोड़ शिरीका नहीं जानती कसम आपकी खाओ मैं
जो छुटी खावे कसमे राण ना तड़के जिनना पाऊं मैं
और महराज मेरे महल में तो एक बुढ़िया के लावा कोई आया ही नहीं है
ये सभाई देने की जुरद लही है और मैं कह रहा हूँ कि मुझे
पिया जी और पिया जी और पिया जी और
महाराज कहने की भी जरूरत नहीं है धरती और अंबर हिल जाएंगे अगर ऐसा दोस्त लगाओंगे मेरे पर अच्छा
हां सच्ची भी बनती है अपनी बात कहते हैं और मेरी बात कुल लिए हमारे रिकोर्डिस्ट सहयोगी भाई विशेष कुमार
गोश्वामी जी दिलसाद गायदन दिल्ली से वह भी 21 रुपए से हमारी पार्टी का मान सम्मान कर दिन बाद जोड़ जार तालिया
उस बुढ़िया की सीवा महल में और नहीं कोई आया से चेर खान कनेरे पती समझ के मेरी सेज चड़ाया से धरती अंबर
हिल चांगे जो धरती अंबर हिल चांगे जो ऐसा दोश लगाया प्यार आसे तु छत्रा नी बनिया पटनी तू क्ष體 राघ्य
एंटरियों कि मत्ती advisor ज्यादा कि तुम सदरा निभी श्री भणानी वह मटी पीछ र हाया
इब दूद और पानी अलग चान दूँ ऐसा खेल रचाओं मैं
कित का खेल रचाओं तड़के फासी पे चड़ जाओं मैं
और महराज मैं अपने सभाई पेश करने के लिए इस परकार से अपना कालजा पाड़के दिखाओं तुम्हें
आप कोई जुरत रही रही है मुझे कल बारा बजे ठीक पासी लग जाएगी तेरी सभाई की कोई जुरत नहीं है सोमवती
मारोगे जंगन के पंशियों
कोण शेरिखा नीच पिया मने शान तलक भी ना जानी
उसने नंगारे काथ दिखाके नीच बतावे गिरतानी
विशात भी गिरी समझ ली
अपनी ब्याही छत्राणी
तेरी जांग पे रेटिल बतलाया बन होगी मेरी बाणी
पता किस तरियां ते भाड़ काल जा
अपना तुझे दिखाऊं मैं
देशाँगी बदमास तेरा कुछ नहीं देखना चाहूं मैं
पिया कोण शिरिखा नहीं जानती कसम आपकी खाऊं मैं
क्यू जुट्टी कावे कसम राण ना तड़के जिन्दा पाऊं मैं
क्यू जुट्टी कावे कसम राण ना तड़के जिन्दा पाऊं मैं
आऊं मैं हमारे बहुत ही प्रिय और हमारे अनुस भाई विर्जेश कुमार ग्राम वेवला महाराजपुर सरीजाबार
सर रुपई से हमारे पार्टी का मंसम्मान करते हैं वो जोर-जोर बड़कर लॉ कि और महाराज अब मैं परोवीणिंग
सभी में अभी साथ मरना चाहती हूं मुझे किसी की जान की जरुरत नहीं है मिलें जरुरत नहीं हो सुनाए तैयार
जाने के लिए तैयार इस जन्म में तो तू मेरा साथ निभानी पाई और मरने के बाद धर्म राज तक मेरा साथ
निभाने की बात करती है अपनी बात कह दे तेरे जैसी पापण मैं जिंदगी में कभी नहीं देखी हूं
मैं भी तेरी गैल मरूंगी ना दिल में घबराई ये तू
मेरे बाद उस सेरे खाल के तंग में मौझूडाई ये तू
धर्म राज तक साथ चलूँगी
धर्म राज तक साथ चलूँगी
अपने आगे पाईए तू
इब कहीं डूब के मर जा पापण मद ना शान दिखाईए तू
इब कहीं डूब के मर जा पापण मद ना शान दिखाईए तू
इन्दर पाल सुमर भवानी
इन्दर पाल सुमर भवानी
छंद बणा के गाऊँ मैं
ए राम कुम्मी
मारे पुरू अपने को निस्दिन सी जुकाओ मैं
पिया कोड़ शिरिखा नहीं जानती कसम आपकी खाओ मैं
क्यों जुटी खावे कसम राण ना तड़के जिन्दा पाओ मैं
क्यों जुटी खाओ मैं