काहे गईला भूलाई पिया हमरा केआवा बेनिया जो लाई पिया अच्रा केगईला पर्देश पिया काहे ना आवत हुआपिरहा के अगिया में काहे के जरावत हुआतू तो सोतिन के संग मोझ उड़ावत हुआकाउने कसूर पर तू हमके रुलावत हुआकाहे गईला भूलाई पिया हमरा केकाहे तू करके पिया हमके गमनवा लैलाबीट गई बारा महिनवा तू पिया ना आईलाचाके पर्देश पिया हमके भूल तू गईलाना ही आवेला पिया काउन जुलमा कैलाकाहे गईला भूलाई पिया हमरा केतो से मिले के भूलावत भाजमनिया हमरीतो के देखन के लिए अख्यां से छल के गगरीजाके सो दिन के संग बस गईला कौने नगरीआके छतियां से लगाला पड़ू पईया तो हरीकाहे गईला भूलाई पिया हमरा केआवा बेनियां डोलाई तो हे अच्रा केआवा बेनियां डोलाई पिया अच्रा के