काहेला पाटे मुहावा ये फूलल
गोरे गोरे बा मुखला ये जूलल
राजा रा वा राने कोरे ले गोहार के
पिया हम के जूलने
पिया हम के जूलने गड़ाता न सोनार
पिया हमके जुलनी गढ़ाता ना सुनारी से
पिया हमके जुलनी
मेहर के साधन पूरे बाबलम
रोजे बिलना से रोटी बने बाबलम
बुझा ये दान हो मोर मजबूरी
गार में रहा का बाजुलनी जरूरी
नौगला दे बात दे और आओ धार के
पिया हमके जुलनी
पिया हमके जुलनी गढ़ाता ना सुनारी से
पिया हमके जुलनी गढ़ाता ना सुनारी से
पिया हमके जुलनी
तिकवा ना थी अवादे अवले बड़ा
तिकवा जुलनी के मान तर सुनारी
बड़ा अगो जुलनी के मान तरथ सुने बड़ा
जनी तु ऐसे हों रुतामूर प्यारी
आजई गढ़ा ये चला कुंज बिहारी
पिया हमके जुलनी गढ़ाता ना सुनारी से
तिकवा जुलनी गढ़ाता ना सुनारी से
आज से पिया हमके जुलनी