पगल कहने हासे
दाराद लेके अपना दील में
सबसे किनारा बैठे भरल महाफिल में
पगल कहने हासे दाराद लेके अपना दील में सबसे किनारा बैठे भरल महाफिल में
होखते अकेल यासु आखिया में आजाला
पिरितिया के मारल लोगवा दूर से चिनाजाला
कारतान जुलम रवा अब खोले आमजी साही भदारद
केहके दिहल जाल रामजी
कारतान जुलम रवा अब खोले आमजी साही भदारद
केहके दिहल जाल रामजी
कारतान जुलम रवा
दरत भरल बोली हाऊवे सुधा कर बुझा जाला
पिरितिया के मारल लोगवा दूर से चिनाजाला
पागल कहाने हासी तारत लेके अपना दिल में साब से किनारा बैठी
भरल महपील में
भोखते अकेल आसु आखिया में आजाला
पिरितिया के
मारल लोगवा दूर से चिनाजाला