फिर तस्वुर में समाव च्छा गया
बंद की आखें मदीना आ गया
फिर तस्वुर में समाव च्छा गया
ये तो बस आले नभी का फैज है
नात पढ़ना हर किसी को भागया
बंद की आखें मदीना आ गया
शक किया जिसने नभी के घैब पर
वो जहन्नम का ठिकाना पा गया
बंद की आखें मदीना आ गया
देख पाए ना मदीना लोग जो
फुरकतों का घम है उनको खा गया
बंद की आखें मदीना आ गया
है निगाहे मुस्तफा का ये असर
के मदीने का गदा ऐसा गया
बंद की आखें मदीना आ गया
दोनों आलम में मचलते शौक से
है दरे है रुल बरा चुमा गया
बंद की आखें मदीना आ गया
हर घड़ी राशिद करो शुक्र खुदा
क्योंके तेरा भी बुलावा आ गया
बंद की आखें मदीना आ गया
फिर तसवर में समाव च्छा गया
बंद की आखें मदीना आ गया
बंद की आखें मदीना आ गया