तुम से मिले
पहली वफा
दिल मान गया
पहली दफा
इशक का धागा कसके पकड़ना छूटना कभी कोई सिरा
आँखो में तेरे
खुद को ही देखो ना देखे कोई भी दूसरा
देरे इशक पे है यकी तुही तो दिखे हर कही
दुझी से है चारो तरफ
रोश्मी रोश्मी
कब से न जाने सोचती थी मैं
तुम भी सोचो मुझे
मैं तो तेरा ही था
तुमें पूछा कहाँ
पूछा कहाँ
तुम्हें
पूछा कहाँ
दुझी से है चारो तरफ
रोश्मी रोश्मी
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