हाँ एक फास है दिल में
अलफासों को मेरे
चीरती है वो गुनगुनाते जो
एक खाब हसी
क्यों खो गए हम यो बातों बातों में
ढूंडते उसे जो है किताबों में
एक खाब हसी
पहली बार शों की तरह
सुबहों की ओस की वज़ा
वो एक खाब था
जो एक खाब हसी
जो एक खाब हसी
खो गया है कई
मैं कहीं चला जा रहा
मैं कहीं चला जा रहा
ना पता के मंज़ कहा
खोया हूँ ना पता के मंज़ कहा
ना जाने कब से
हूँ तैलाश में उस खाब के
पहली बार शों की तरह
सुबहों की ओस की वज़ा
सुबहों की ओस की वज़ा
वो एक खाब था जो हसी
खो गया है कई