इस वक्त की नाव में वहता चला हूं मैं कहाँ
ये कहाँ
कुछ भी तो ना दिख रहा
लहरे सवालों की यहाँ
बस है रभाँ
ये मेरी
पहचान क्या है वदा
मेरा
एहसास क्यू है दबा
ये
गहराई यूँ चलत चलत ही मिली है
अब वो पहचाई भी ना मेरी यहाँ है अंधेरे क्यू
रोश्नी बनी फसाना मुझु को घेरे कौन है मेरा यहाँ
इस वक्त की नाव मेरी पहचाँ क्या है वदा मेरा
एहसास क्यू है दबा
ये रहता चला हूँ मैं कहाँ ये कहाँ
कुछ भी तो ना दिख रहा
लहरे सब वालों की यहाँ है रवाँ