पायो जीम्बा
पायो जीम्बा
पायो जीम्बा
जनम जनम की पूञ्जी पायी जग में सभी खोबायो
जनम जनम की पूञ्जी पायी जग में सभी खोबायो
खायो ना खरच चोर ना
खायो ना खरच जोर ना लेवे दिन दिन बढ़त सवायो पायो जी में तो राम रतन धन पायो
सत्कि नाव खेवटिया सत्गुरू
सत्कि नाव खेवटिया सत्गुरू
भव सागर तर आवश्यान
सत्कि नाव खेवटिया सत्गुरू
भव सागर तर आयो
मीरा के प्रभु किर्धर नागर
मीरा के प्रभु किर्धर नागर
हरस हरस जश गायो
हरस हरस जश गायो
पायो जी मेतो राम रतन्धन पायो
वस्तु अमूलक दी मेरे सत्गुरू
किर्पा कर अभरायः
किर्पा कर अभराय्यो वस्तु अमूलक दी मेरे सत्गुरू किर्पा कर अभराय्यो
किरपा कर अपनायो पायो जी में तो राम रतन धन पायो
राम रतन धन पायो