दूबर पातर रह बसे जिम्पा
खेला बका कबाडी
अभी ओसे बनावा बलाम पवन सिंग जयिसन बाडी
देही आमे जान रही तबे धन सधाईबा
नाता देदे मुन पता राजा पछताईबा
ए राजा
अभी ओसे बनावा बलाम पवन सिंग जयिसन बाडी
मेहारी के साब सुख उहे बाई राजा
लोईका जैसे लागेला तू
धरी जब पाजा
कैसे सधाईबा जगनी आके गपी
कैसे सधाईबा राजुन जगनी आके गपी
अभी ओसे बनावा बलाम पवन सिंग जयिसन बाडी
अभी ओसे बनावा
पवन सिंग जयिसन बाडी
আপি উসে বনারেরের