कवन कुद्र की महिमा गाए
हर संकत को पल में हराए
बजरंग बली का नाम जो ले
उसकी नईया पारे लगे
जैहनुमान जैहनुमान
तेरी शक्ती का नहीं है अनुमान
जैहनुमान तेरे हिर्दाय में बसे है श्रीराम
सूरज को जिसने
निगल लिया
सिंदूर से जिसने
तन रग लिया
राम के दूत की महिमान यारी
सब के संकत हरने वाली
अञ्जन के
लाल तुम हो
सब के रखवाल तुम हो
जैहनुमान
जैहनुमान
तेरी शक्ती का नहीं है अनुमान
जैहनुमान
जैहनुमान
तेरे हिर्दाय में बसे है श्रीराम
जैहनुमान
जैहनुमान तेरी शक्ती का नहीं है अनुमान
जैहनुमान
जैहनुमान तेरे हिर्दाय में बसे है श्रीराम