अरे भोईल ज़्यावानी सुन दारता के खान बाग
चोकारां में धेर लोग देत
तुहार जान बाग
अरे भोईल ज़्यावानी सुन दारता के खान बाग
चोकारां में धेर लोग देत
तुहार जान बाग
का भुजाएं की राह चलें
लोगयां तो कातील हो खेला
जो मुला ही कित के उठावा पातील हो खेला रे बोड़ी
होके पाटावल मुस्किल हो खेला
जो मुला ही कित के उठावा पातील हो खेला रे बोड़ी
होके पाटावल मुस्किल हो खेला
मुठ लाले लाल तोहर छेहरा कमाल
वो पे जान मारे तोहर कैसे कोरिया
तो दोस्ट का बहुं हमार जो बुजाएं ले बाजाएं
सब आके सटल चाहें लगों दे जोरिया
फिदा तोहर पे हमारो भी दील हो खेला और दील हो खेला
जो बुल लोई की कं उठा वा पतील हो खेला ढे बोरी
होके पाटावल मुस्किल हो खेला
जो बुल लोई की कं उठा वा पतील हो खेला ढे बोरी
greeted the bats
गाजारा का टार तुहर लागे जान मार जान कोई लेब हम के पागोल
सोना बिटुआ रुहान ही ना छुए देनी धान
खेर लोग रहे खेडा मेहो हमरा लागोर
देखी तुहर के मन मुरगील हो खेला आरे गील हो खेला
जो बुल लोई की कै उठा वा पतील हो खेला ढे बोरी
होके पाटावल मुस्किल हो खेला
आरे