Nhạc sĩ: Rakesh Ranjan
Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
पारवती मईया जब इनका अवतार हुआ
तब नरेण पहुत सारी रिशी, मुनी,
सादु,
संत आये और इनों ने आकरके पारवती मैया कु आशिर्वाद दिया
और आशिर्वाद देने के बाद इनों ने पारवती मैया का हाथ देखा,
कुंडली वनाए,
कुंडली देखा
और देख करके कहा कि मा आपकी जो बेटी है ये बहुत भाग्यशाली है
आपकी बेटी का नाम ले ले करके संसार
में इस्त्रियां सतिप्व को धारण करेंगे
तो भाग्य सदा बना रहेगा
अक्ना नारेण ये
जितने पती की आयू से संबंधित जितने भी व्रत होते हैं
उनमें मुख्य पारवती माता के ही व्रत होते हैं
जैसे हम लोग होली के जश्ट बाद जो गणगोर पूजते हैं
उसमें भी देखिए पारवती माता ही होती है और वो पती के लिए होता है
तो कहा कि जो इनका नाम लेगा उनका दामपत्य
जीवन हमेशां सुख में और शांती में रहेगा
फिर कहा कि ये इतनी भाग्यशाली हैं कि इनके नाम
की वज़े से लोग इनके माता और पिता को जानेंगे
बच्चा तो नारेण वही अच्छा होता है जिसकी
वज़े से लोग आपके माता और पिता को जानेंगे
आपके माता पिता की पहचान जिस दिन आपका नाम
हो जाए उस दिन समझ जाना अब जीवन सफल है
फिर कहा
कि इनके जीवन में सब बढ़िया होगा इनका विवाह भी सबसे अलग होगा
वोले अलग विवाह कैसे होगा तो कहा कि जिनके
साथ इनका विवाह होगा जरा उनका परीचे सुन लो
तो कहा अगुन अमान मात पितु हीना जोगी जटिल अकाम मन दिगंबर
कहा कि हमारी बेटी के लिए ऐसा वर नारज जी ने कहा कि सुनो माँ
वैसे देखा जाये तो ये सारी चीजें दुरुगुण हैं
परन्तु सामर्थ्यवान में
अगर कोई दोश आ जाये तो उसको वो दोश लगता नहीं है
बाबा ने कहा कि समरत को
नहीं दोश गुशाईं रवी पावक सुर सरी की नाईं
जैसे गंगा नदी में नारेण अगर
कोई मुर्दा भे करके जाता हो तो क्या आप
और हम गंगा नदी में स्नान करना छोड़ देंगे
गंगा में इतना सामर्थ है नारेण कि एक नहीं लाफों मुर्दे भे
अगर भे जाएं तब भी गंगा की पवित्रता कभी नश्ट नहीं हो सकती है
अरे भूमी पर इतनी गंदगी होती है बगवान
सूर्य सारी गंदगी को सुखा देते हैं
तो क्या तुम सूर्य को एक लुटा जल चड़ाने में कतराओगे
कि नहीं नहीं बगवान सूर्य तो गंदगी भी सुखा देते हैं
अब वो गंदे हो गया है उनको हम जल नहीं चड़ाएंगे
वो सामर्थवान है तो सामर्थवान को नारेनी इन छूटी बातों का दोश नहीं लगता
जिसे एक गलास में पानी है और एक गलास
जल में अगर कोई कीडा गिर जाएं फिर पीओगे
कोई नहीं पिएगा हम भी नहीं पिएगा कोई नहीं पिएगा
क्योंकि उस एक गलास जल का कोई सामर्थ नहीं है
तो कहा कि ये चीजे भले दिखने में दोश लगती है
किन्टु ये सारी चीजे एक सामर्थवान वाले में है
और इस वजए से ये जितने दोश है ये भी वहाँ पर गुण कहलाते हैं
शम्शान में रहना किसी को अच्छा नहीं लगता लेकिन
भगवान शंकर शम्शान में रहते हैं ये उनका गुण है
फिर कहा
कि मा ऐसे वेक्ती के साथ आपकी सुकुमार कन्या का विवा होगा
बड़ी होती है एक दिल इनोंने अपनी मा से कहा कि मा हमने सौपन
में देखा कि एक पुरुष हमको तपश्या करने की आज्या दे रहे हैं
तो इनोंने कहा कि तपश्या करने की बेटा
एक उम्र होती है चोथे पन निर्पजाई कानन
एक जब चोथी अवस्ता आ जाती है न उस अवस्ता में तप किया
जाता है बेटा अभी आपकी उम्र थोड़ी है तपश्या करने की
ता कि नहीं मा मुझे तो आज्या मिली है हम तो तप
करेंगे तो इनकी माने मानों कहा कि बेटा तप से होता क्या है
तो पारवती मईयाने नारेण यहाँ पर तप
की महिमा बताई है एक बात निवेदन करदूं
की पहाडों पर रह करके तपश्या करना फिर भी कभी कभी सरल
पड़ती है नारेण यही पहाड वाली से भी कठिन होती है की नहीं होती
यहाँ रह करके तप करना बहुत मुश्किल है नारेण
पहाड पर कोई आपको गाली
देने वाला नहीं मिलेगा
पहाड पर कोई आपका अपमान करने वाला नहीं मिलेगा जो
दिखेगा आपको माराज जी माराज जी कह के जायेगा
सब कुछ आपके अनूकूल होगा
परतों घर गृयस्ति में गालियाँ खा के भी काम करना पड़ता है
इच्छा नहीं होती है तब भी सब निभाना पड़ता है
मन नहीं हो तब भी कमाना पड़ता है
ये तपश्या है नाराईन