गूमता है तोटा तोटा परिंदा रोथा रोथा
कहते ना दुनिया से मैं दुणिया के ना काबिल है
तेजी दुणिया में मेरा दिल हलिजलता है
काफिया तलबारे हाठों में और अपने हातों में
हैं सय है इनको हाईकि आदात हामें
आदद तभा ख़वाही छूप
जहरे पर बोलू तो फिर मैं
खास कैसे हुआ? सब बुलाना तो फिर तेरे दिल के पास कैसे हुआ?
उमीदों पर खारानी तो तेरी आस कैसे हुआ?
ये इंसानियत है जलती ये कोई घास का नहीं
धूआ भी आ डाइक या फिर जिंदा है कोई
पहले लगता था मुझे भी करम लिखता है कोई
मैं गलत हुता हूँ पर मुझे गलत दिखता और कोई
जो पहलू बदले हर मौके पर चलता सिक्का है वो ही ये भूक
खाने पर और ज़ादा बढ़ती जा रही है
जलती इंसानियत तो फिर धती तबती जा रही है
लोगों के दिल हुए ठंड़े या फिर सर्दी चा गई है
बनाना है घर तो पहुचा हूँ मैं घर भी ना सही से
क्योंकि धरोंदा बचाना उजड़ गई डाली डाली
आसमा है विरान जहां है खाली खाली
उड़ू मैं कहां को पताना है मंदिल का
उज़े कोई नाम तेरा तो मैंने है रब लेखा
उड़ा कागा उड़ा आसमान में
घर से दूर जाये घर बालों की बात मान के
शुरू रास्ता हुआ तो दिल है हार मान ले
पर चलना इकलोता रास्ता जीवन राख सामने
नई जगा नई हवा ने बादल नई बजा
धीरे धीरे लगने लगी अपने घोसले की तरा दूर
घर से नया मका इतना होशी है कहां पर ये मका
तो फिर अक्सर घर पर लोटने की तडब परिंदे का घुटे दम
परिंदे को मिले तुम मिलके बोले ना कोई हम
परिंदा है भीड में पर सुंसाण लगे सब
परिंदे को मान की आदाय पर बोले ना
उसे आती है शरम परिंदा हई परशान
उसे घोसला ना मिले घर की भरे वो उढान
पर कोई होसला ना मिले आस्मान
कागा रे तोरा अंबर तो के फुका रे
उड़ जा कागा रे तोरा अंबर तो के फुका रे
खूंबता है तूता तूता परिंदा रोथा रोथा
खूंबता है तूता तूता परिंदा रोथा रोथा
तूता तूता परिंदा रोथा रोथा
धूता तूता परिंदा रोथा रोथा
खूंबता है तूता तूता परिंदा रोथा रोथा
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