अरे पर्दे पे बेथे बेथे
यू ना मुश्कुराये
ज़ै हो
आ
गये तेरे दिवानी जरा पर्दा हताये
वाद टू त्री पो
ज़ै उपने हाथ उठाओ ज़ै ना
पर्दे पे बेथे बेथे यू ना मुश्कुराये
आज आप लोग सबजो हर्टा में नहीं
राजिस्थान में स्री नाच किजी
मंदीर में कड़े हो
और वही बगवान
पर ज़ै नाची महराजी की भक्त वस्तव भगवान की
पर्दावदावने नहीं मंदूर सामरे
हमें नहीं मंदूर सामरे
हमें नहीं मंदूर सामरे
बेदा आये चुछे दीवादों से क्यूं दूर सामरे
क्यूं दूर सामरे
चल तुपि बढ़ाए आगए तेरे दिवाने जरा पर्दावदावने आगए
पर्दे में बेटे बेटे
जूनम्हों जूराई ये
जुप्पे भी दिवाने आगए उस सामरे के लाइब के दिवाने
आगए तुपि बढ़ाए आगए तेरे दिवाने जरा पर्दावदावने
तेरे दिवाने
तेरे ह Studios
क्या क्या
क्या
क्या
गनशाँ मेरे शाँ