बेगवा हमारे सोरिया दोहोखाये खती मच्चोरी बना दोहोबेगवा हमारे सोरिया दोहोखाये खती मच्चोरी बना दोहोकाहे खातिर जो ही बो राजा दिली गुजरात मेंकाहे खातिर जो ही बो राजा दिली गुजरात मेंकोलो पाठुं के दो कहान ओठा नामल डाइबआया शल्माजद जाएगन राक्त बुक्स ख्रूट दिए थेमैं यह कुछ किदूर घालाबा से बहारा ना हैहुआ हैऔर मैंने हियां डेखा न हैं तो आप लिएरखनाहो मोरे ही हाथ देखा ना खोई दो पिया रात मेंकोलो पाचुल के दो कहन हो चलावा जाई साथ मेंअरे समझ होई जान मजबूरी ही हबा गैल कमाए ज़रूरी ही हबालाली बहली ना कलनो सिंहार चाही हो सम्हे राही बलम खाली प्यार चाही होसम्हे जले लु किर उठभित करेंसम्हे जले लु किर उठभित करें। ज़िनगी का ठले हो कोवो नौह लाथ में।। पोला पाचुन के दो खान ओ च लान जाए साथ में।