अरे एजी...
का हो बोला...
अपना तब बास कहील जाके पर्देश में...
अच्छा...
अध फंधा फंधा एसी की हवा ने थोगा...
हाँ...
अहमरा तो छोड़ दीना गँव में मरे खातीर...
कमाईब न तक खाईबू कहाँ से...
आज लाग तोँरा पैसा में...
राजब असल बाड़ा पुना गर्मी बाड़ा था दुगुना...
एहा मार रजाऊँ
पारा बढ़े ताना ताने
पारा बढ़े ताने ताने आमार रजाऊँ
जादा तोरे बाता वादा हमार बात सुन
दस दिन याउरीला बिताई देहा बेशी लगा भाई
भावाले आसंदसान यापार बढ़े आउं
मंमीhing
गाबा रात हो
गारामी के मारे बात जीया गाबा रात हो
गर्मी
काम नहीं होला
चितनो पीही पिप्सी कोला गर्मी काम नहीं होला
आग लागो तो हर बिगारल कुलार रजाओ
जादां से बोला मार सुना का कहा था ये
बोला
पुछे दिन बिटावा राणी हाकी हाकी बेनीया
आखी के बेनीया आखी के बेनीया
जल्दी घारे आईब बात बुझाए सुगनीया
तो हर चांद जैसन रूप सहा पाई नहीं धूप
सहा पाई नहीं धूप