माने ना ये कुछ अनुमानावा
भाई भाई अनक भावानावा
सुख हो भाई सापानावा
छुठो के यही निगवानावा
होता जो मनिया बेकाई
जो इसे के तड़ पेह रामा
पानी बिन मछडिया
हो कि ओ इसे तड़ पेह पिया बिना
जिया राहमा
हो कि ओ इसे तड़ पेह पिया बिना
जिया राहमा
सोभे लाना भाल मे क जड़ांहा हो
नाही आखे मे शोभे क जड़ांहा
दू तंसे जा के बाहा राहमा
ऊजरावतार हमोरलिया रहवा
बिनावा के जनोतर हुई, कहकारासे बाहत गौही
पिरहिन के गहसव के हम् त्रें राद सुहई
नोलल जिये गया पहामै
जो इसे के तड़पे ए रामा, जल बिन मछडिया, हो कि वो इसे तड़पे पिया बिना जिया रामा
बोस गईले जहां के सोहरिया हो, नाही कोहरेले तनी कोफी पिरिया
हम दा के जुठा हु के आसा देले, हमो जब जब कोहरेले
हम दा के जुठा हु के आसा देले, हमो जब कोहरेले
हम दा के जुठा हु के आसा देले, हमो जब कोहरेले
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