उड़ा उड़ा दिल ये हवाओं में यहाँ मिला न कुछ भी वखवाओं में उड़ा
उड़ा उड़ा दिल ये हवाओं में यहाँ मिला न कुछ भी वखवाओं में
भी वखवाओं से ढूंडेंगे खुस के बल गुम है कहा
पढ़ची उड़े है उड़ी जाने दो मन्दिल से अपनी उड़ी जाने दो
आस्मा के परिंदे है नो टेंगे ना
जमील पे घुटता है दम यहाँ हर दम मुझे बस दम ही मी
हर दपा ये नजर है नंदग मगाए कदम चाहे चलना है सीखाया
हर घड़ी ये सलाखों में है कुम सुम जुबाई
पढ़ची उड़े है उड़ी जाने दो मन्दिल से अपनी उड़ी जाने दो
आस्मा के परिंदे है नो टेंगे ना
पढ़ची उड़े है उड़ी जाने दो मन्दिल से अपनी उड़ी जाने दो
बादलों से परे पलकों की चादर तले जो थे खौब सजाए अधूरे वो रहे गए
ना जीने दिया ना मरजी से हम चले
अमरित बन के पानी के हुलामी में बहते रहे
बड़ी मुश्किल से जाके ये पिंजरा खुला
बादलों से परे पलकों की चादर तले जो थे खौब सजाए अधूरे वो रहे गए
टी आड़ मेंसिक