अनन्त पोटी प्रम्हांड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रम्ह श्री सच्चिनानन्द सद्धरों साइनात महाराज की जैपंचा अर्थी गेउन लाऊं काफरान जोती तुझी चंगरितो साइ बाबा काफ़ड आर्थीतुझी चंगरितो साइ बाबा काफ़ड आर्थीतरबारी हो तुझा साइ दूप भोनाथीअगर मत्ती लाऊल सारा सुगंद बसल भिलाबारकुष्मदेवन तुझे बंगन रेथीतुझी चंगरितो साइ बाबा काफ़ड आर्थीतुझी चंगरितो साइ बाबा काफ़ड आर्थीतुझी चंगरितो साइ बाबा काफ़ड आर्थीतुझी तंगरितों साई बाबा का खड़ा रभीपाखंड जोत जलत राही तुझी तरे धूनीदोड़े भर्णी भक्त सारे तुझा तरे पाहतीतवना माचा तिर्णी ढंपाता जो या जगतीतवना माचा तिर्णी ढंपाता जो या जगतीतुझी तंगरितों साई बाबा का खड़ा रभीतुझी तंगरितों साई बाबा का खड़ा रभीतुझी तंगरितों साई बाबा का खड़ा रभीलिम्बाचा धाड़ा खाली करती विशावा बात्राना दुरूनि बाबा अशिर्वाद द्यावाबात्राना दुरूनि बाबा अशिर्वाद द्यावा उपारामुदे तुझी रिशाई नित्या मावर्तीउजीत गरितो साई बाबा कांखड़ आरतीसाईबाबाकांखड़ आरतीसाईबाबा कीजै