दिही आशिर बाद मैंया चुईयस मनमा
सोहल ना जाला काना
मारेला जहानमा
दिही आशिर बाद मैंया चुईयस मनमा सोहल ना जाला काना मारेला जहानमा
तोरस करेनी गोधारी हो महतारी हो
पाका के घर एगो गारी हो दमयारी हो
पाका के घर एगो गारी हो दमयारी हो
मैंया हारी गईल बानी हो गरीब रहके हमही बूजटा
निबानी कैसता न सहके
असर असर ही अबहारी हो
महतारी हो
पाका के घर एगो गारी हो दमयारी हो
मैंया एक ही दिमान उहो बड़ा छोटमा ओकर सबे ठीकबा जेकर लगे नोटबा
पाका के घर एगो गारी हो
महतारी हो