बन के बाहरे हमरा जीना दी मैं अहिलामारी के मुशकी हमें पहगल आईला तोरा चकर में कहा कहा भगली होतोरा के लोगा वहा पागल कहेला हमरो के कहेला पगली होपगली होहो पगली हो । पागल कहेला ।बाठे ना जोडातो ते जिला ज़्यावार मैंबड़ाए कपीस ए पगलो पुरा फना सहर मैंतोरो से केसा नовी में फम्सार के बाद हैं।दिल में तोह के रहले बानी यहे बाये पगलू साचाईअन्जान रहला सुनाये पगलू जान बनके जब दूनू बिलली होतोहरा के लोगा बाहा पागल कहेलाहमरो के कहेला पगली होतोहरा के लोगा बाहा पागल कहेलाहमरो के कहेला पगली होखीला गुलाब लेखा खीला गईला दीला मैं तोहा के बासाली हानी मन के महा फीला मैंतोहारे खातिरे एकर जगू बानी हर रम पगलाईले तोहारे नामसे धरके जियारा सुना हमारा मिठु मिशायतोहारे से सुनना बात करेला रात रात भर जगली होअरे तोहारा के लोगा वहा पगल कहेला हमारो के कोहेला पगली होतोहारा के लोगा वहा पगल कहेला हमारो के कोहेला पगली होपागली होगा