बाला दूबर पतार तुनगोटा जयव
ओ खलाली चातराजा मोटा जयवा
ब्यार के लड़ाई लड़ेमें तबे मिली दाहम जी
रोज लड़ा वाल कर हमारा सेन जरिया
मिलिये न रजी भरपुर माज़ा बुझे जाईबाए मोरे राजा
तब रह पईबा नाई दूर रह पईबा नाई
ए राजा बेरे लाज सरमके तूट जाई
सिणारावा केरा हाड़ावा पाई बड़ाये बलाओ मुझे
नितिस कोई देहव तोखे आता न पाका धाका रोज मारे लगवा
जोस जागी आता न होस नही रही गारादा कबारे लगवा
खवे हो खवा में देह उडिया लगे चाराम सुखे चंचल बुझाल लगे
कोसा तू कमार
कबसे रेडि बानी हो मुझे सिणारावा केरा हाड़ावा पाई बड़ाये बलाओ मुझे
सिणारावा केरा हाड़ावा पाई बड़ाये बलाओ मुझे