नाने नरम नरम देह छुएदा
आज रात भर तुहादे पपुएदा
नाने नरम नरम देह छुएदा
आज रात भर तुहादे पपुएदा
हानी बेट नाही भोरेला बातेसे
दो रात हो तभी रातेसे
एजी जान अभिलाई का बाने
ओठे ना काहटी ही दातेसे
एजी जान अभिलाई का बाने
ओठे ना काहटी ही दातेसे
काहे डे रालू यो तो ना हमुसे
हम ना होई तो हारेला भर हो
कुछु ना होई छोड़ा टेंशन
बानी दिमाग के ना या बढ़ हो
समझे तो हैना सरिखा
आदे ना जेना हमसे एहोई ना
कुछ हो जाई तो ताना मादे सब कोई है ना
हम टोच नाही कोड़ बोहातेसे
हाहातेसे
हे दो रद हो तभे रातेसे
एह जी जाया भी नै का बानी
उठना काटी ही दातेसे
एह जी जाया भी नै का बानी
उठना काटी ही दातेसे
ए�ह जी जाया भी नै
ए मोरे साले छोठे डिरालो, काहे को ये तो ना छोनालो हो, रमाउमा कै जोरी ना सोटेलो, भाव काहे ये तो ना खालो हो
हम जानो ताने जे रोवा बड़े पदमास हाई, छुए नदे मसिदो के हम खास हाई
मन बूता तोसिके डाटी से, हाँ डाटी से, दोरद हो तब राते से, दोरद हो तब राते से
एची जानो भी नाई कापानी, उठे ना काटी ही दाते से