रङ्गी महला धोयो धल्या
आज सुहागनी रात
हिवडो फुल से तंता पे
पल पल बीचे रात
गोरी है गजगामनी
तिल तिल कठती रात
एक चंदो आकाश में
एक है मारे साथ
तारी ओहुं ओहुं में ढड़ गी रात
घुंगटियो खोल बादो
छोड़ो छोड़ो जी पादिला मरो माद
रात डिली घुंगटियो खोल बादो
अंगने सुस्राजी सुता पड़वा में भूजी सा
मेडी में भाबी सा गोले पसवाले बाई सा
घड़े घड़े देवर जी थुड़के
आवे माने लाज छोड़ो छोड़ो जी
ओह छोड़ो छोड़ो जी पादिला मरो माद
रतड़ ली गुली बादो
बाबो सा खेता में जासी गुजी सा पड़वा में
बीरो सा मेडी में भेजाना न कियो अर्टा पे
बाई सा ने सीख दी रामा
बाई सा ने सीख दी रामा जोड़ी जोता आज थारे
उहुं उहुं में धलगी रात गुंगतियो खोल बादो
उठू तमारो जुड़लो चटके बैटो तबाजे बंगडी
दोनु हाता मेंदी मांडी हाले डोले नतली
बिछोड़ी रे सागे मारे बादी ही रात तारे
छोड़ो छोड़ो जी बादी ला मारो आज रातड़ी घुल बादो
तूड़ली ये थर चमक दी राशा पूछा दोनु हाता
हे तु प्रीतरी मेंदी रचगी छोड़ो सगली बाता
दिवलो सो गयो दोनु जागा चटक चाननी रात तारे
झोड़ो छोड़ो जी मारे बादी ला मारो आज रातड़ी घुल बादो
जी मारे बादी ला मारो आज रातड़ी घुल बादो