करतका प्रवाद प्रवाद प्रवाद
इथां मैं
मुठली निते
जानि बलब
ओता खुश वसिदे विच मुल्क अरब
बादलिया तेड़ दर दे खुटेया नाली यगब इथा मैं
मुठली निते जानि बलब ओता खुश वसिदे विच मुल्क अरब
तति थी जो गणी चो धार फिरां हिद सिध पंजाब दे मार फिरां
सुजबर ते शहार भजार फिरां
बदब यार मिलम कही सांग सपरो
हर वेले यारती तांग लगी
सुझ सीने सिक दी सांग लगी
हर वेले यारती तांग लगी
दुखी दिल रिते हथ तांग लगी
है मिल मिल सूल
समोल सबू
इथा मैं मिच्छुरी नित जाल चलपू
वह सुहन ढोलनी यार सद्दुरी
वह सुहन ढोलनी यार सद्दुरी वह सावल होती हि जाद वतन
वह सुहन ढोलनी यार सद्दुरी वह सावल होती हि जाद वतन
आरेक फरीद का बैठ हजन इम रोज यगल जी
तांग चलपू इथा मैं मिच्छुरी नित जाल चलपू
इथा मैं मिच्छुरी नित जाल चलपू
इथा मैं मिच्छुरी नित जाल चलपू