ओरी चिरेया
नन्नी सी चिरेया
अंगना में फिर आ जा रे
ओरी चिरेया
नन्नी सी चिरेया अंगना में फिर
आ जा रे
अन्धीया रा एगाना और लृहो से सना
किरनो के तिन के अंबर से चना
उनके अंगना में फिर
आजा रे
हमने तुझ पे हजारों सितम हे किये
हमने तुझ पर जहाँ भर के जुल्म किये
हमने सोचा नहीं
तुझ उड़ जाए
ये जमी तेरे बिन सोनी रह जाएगी
किस के दम पे सज़ेगा मेरा अंगना
में में काली रेना भारूं तेरी महन्दी में में
कच्ची धूप मालूं
तेरे नेना सजादूं नया सपना
मूरी चिरहीया अंगना में पिर आजा रे