ओ बिया चांद आगे तुम्हारे यूँ शर्मा सजाए हम तो होंगे ही फिदाओ बिया चांद आगे तुम्हारे यूँ शर्मा सजाए हम तो होंगे ही फिदाचेरा ये तेरा नीदों में आता ऐसे सत्वाता ओ बिया तुमको देखूं दर्थ में भी मिलता सुखूंओ बियाओ बियातेरी ये परचाई आखों में है समाईअंदर मैं रुकूंतेरी ये परचाई आखों में है समाईअब तुझी तुझी दूँ मैं आतीतुझी तुझी सपनों मैं बातीयूई क्यूं अदाएक काफीतुमसे ना प्यारा कोई हमारातेरा मैं सारा ओ बियाख़वों में तेरे संग मैं यूँ उड़ता चलूचेरा ये परचाई आखों में है समाईयह तेरा नींदों में आता ऐसे सताता होती आ तुमको देखूँ दर्थ में भी मिलता सुकूम होती आहूँकरते हैं