ओमिली, ओमिली, आरो निन्दे खिता
उचखु रङाये मनो मिछे
परिखा करे देखो, आरो काछे दाखो
कि जात को ना निये बुखे
देखो गबधु चाहिया
मने मने कि आशानिया
कि जे चाय जानी ना सुधु जानी
भालो बाशी
आमाः
चावा पवारी मधे
कोई
कि जे
आनन्दो
कि जे बैठा जागे एइ प्राने
आमाः
चावा पवारी मधे ओई
कि जे आनन्दो
कि जे बैठा जागे एइ प्राने
खने खने
खने खने
खरी चाई मन माझी सणो बोली ओमिली तोमाके
आइशो दिबा निशीते जाइबा सबाई के छेरे किषू बैठा दिये भूके
आजो मन कादे हाई सुझू तोमाके पवारी आशाई
इच्छे गुलो मिछे हाई
के देबे राई
गोहीना धारे
आमाः चावा पवारी
मजे होई
की जे
आनंदो
की जे बैठा जागे एइ प्राने
अमाः चावा पवारी मजे होई की जे आनंदो की जे बैठा जागे एइ प्राने
हने खने
हमिली
हमिली आरो निल देखीता ओ चोखु राइणाई मनो मिछे
होरीखा करे देखो आरो काछे दाखो की जातो नानी
एमीदो गे
हमिली हमिली आरो निल देखीता ओ चोखु राइणाई मनो मिछे
होरीखा करे देखो आरो काछे दाखो
की जातो नानी एमीदो गे
हमिली हमिली आरो निल देखीता ओ चोखु राइणाई मनो मिछे
हमिली आरो देखीता ओ चोखु राइणाई मनो मिछे