भगवान श्री हरी की हर लीला भक्तों का मन मोहित कर देने वाली है परन्तु कृष्ण अवतार की बाल लीला भगवान की सभी लीलाओं से निराली है
ऐसी ही एक बाल लीला में कनहिया माटी खाकर पकड़े जाने पर यशोदा मैया के पूछने पर क्या सफाई दे रहे हैं आप भी प्रेम से सुनिए
ओ मैया मुरि, मैया मुरि meh nahi माटी खाय॥
सूध दईही भी भी भाई नहीं मामों मेशें03
ओ मैया मुरि, मैया मुरि meh nahi मामों खायो saath ki favourite kind दैवा भी भाई नहीं मामाणे के पूछने पर क्या सुनिए
घी माखन मिश्री दूध दही घी माखन मिश्री तूने ही खूब खवायो
ओ मैया मुरी मैंने ही माटी खायो
जूटि गोपिया जूटे ग्वाले जूटे सारे गोपुल वाले
जूटि गोपिया जूटे ग्वाले जूटे सारे गोपुल वाले
जूटो पाले
पाथ बढ़ायो सबने तैने छूटो पाथ बढ़ायो
ओ मैया मोरी मैं नहीं माटी खायो
नन्द भवन को मणी मैं आगन याहि हतो जाते रूलालन
नन्द भवन को मणी मैं आगन याहि हतो जाते रूलालन
माटी कहा ते पायो भला मैं
माटी कहा ते पायो भला मैं
कहां ते भायो ओ मैया मोरी मैं नहीं माटी खायो
सुन लल्ला की तोतिली बाता गद गद हो गई जसुदा माता
सुन कान्हा की तोतिली बाता गद गद हो गई जसुदा माता
कान्हा को गोद उठायो जसुदा माने कान्हा को खुर्दें लगायो
कनहया जी को
कन्हैयाजी को गुणियश प्रेम देखायो
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