बन पुल पुलू दे बीद या खान, वो हुसन दा यारी चमन लग देउनी दूलफ सिया है रात वांगू, वदे मुफ़ चोड़ू, मी दारो जम लग देइस उपरा गास शबाबू ते, ताही मर मर वांग बदन लग देउनी लीस मलंग भी कौन करे, वो कैमन कार दाफ़ान लग देहे जगतू खुरा हुसन देदा, नहीं मिलकी पूल मिसालेहे फूग तू खुबंग अंग देदा, अति हर हर नकश कमालेकर खड़ किल जित, बुरुबान लखान नहीं सकते होश समभालेबस सोगत तू मन नूर चकल, ही काई मुफ़ सन जमालेवो लड़की भोली भाली, ने कु प्यार ददन पा गईओ सोनी अख्यां बाली, में दिन दिनी चला गईवो लड़की भोली भाली, ने कु प्यार ददन पा गईओ हस्ती के शर्मन दिये, ना तोल गरीद दियेओ फुरु फुरु लग जान दिये, दिन मुफ़ा तड़पन दियेओ हस्ती के शर्मन दिये, ना तोल गरीद दियेओ फुरु फुरु लग जान दिये, दिन मुफ़ा तड़पन दियेओ मैं देवा भड़वाली, मैं कुरुगीशि दादा गईओ लड़ी बोली भाली, मैं कु प्यार ददन पा गईओ मुझे सोला सालंगी जल सपडी काली वालांदी, मैं कु समझनीयों की उदी कोई उल्पियस दिया चालांदीमुखडे ते लागे लादी, बिद बिद ते उश्च ला गईओ लड़ी बोली भाली, मैं कु प्यार ददन पा गईओ फुलकलियां दी राणी, ये ना जाने प्यार कहानीओ कुम्ली ज्छन पड़ती, पर लगती बड़ी मस्यानीए किस दे बेले टाली, दियो मैं कु पता दसा गईओ लड़ी बोली भाली, मैं कु प्यार ददन पा गईओ लड़ी लखले कर दी, क्यों प्यार करना तु दर दीओ खुड़ियां सामा भर दी, नल साडे ना ते मर बनीओ अपनी चादर काटी, लड़चा के याद हला दीओ लड़ी बोली भाली, मैं कु प्यार ददन पा गईओ सोनी आँखियां वाली, मेरे मिल ते जी चला गईओ लड़ी बोली भाली, मैं कु प्यार ददन पा गई