पिया जी
कह दे गोरी
तु मन न्यारा कर दे
क्या?
मैं साजे में रहना नहीं चाहती
अरे तु पड़ी लिखी ना रहे क्यों पागल हो रही है?
नहीं जबी तु मैं नहीं रहना चाहती
तुझे परेशानी क्या है बता
मुझे परेशानी नहीं
मैं बिल्कुल साजी में रहना नहीं चाहती
देख मैं तणे ढंगते समझाओंगा
तु अपनी बात कह दे और मेरी बात सुनले
सुनले मेरी बात
कह दे
न्यारा होजा पिया तने
अच्छा
समझ क्यों ना आवे
समझ क्यों ना आवे
समझ क्यों ना आवे
आवे तेरी बैठे रहा से मेले गोरी राडे क्यों बढ़ावे
न्यारा हो जा पिया तने समझ क्यों ना आवे
तेरी बैठे रहा से मेले गोरी राडे क्यों बढ़ावे
बढ़े कुन बेह के बिमारी रात दिन चैन नहीं सजना
बाबली क्यों हो से गोरी
भर्या रहे बच्चों ते यंगना
आज मेरे तना टे मतना
पेरू पछतावे
पेरू पछतावे
बैठे रहा से मेले गोरी
राडे क्यों बढ़ावे
बैठ रहा से मेले गोरी
राडे क्यों बढ़ावे
परलिक हैल्स नार नाल से
यूनियल प्रधान रमेश और राम सरजी
इक्की सो रुपए कैकर के पाटी
को हमा नित्त रहे बाड़बा के कौरे
परलिक हैल्स नार नार से
बड़े कुनवे की सीमारी रात दिन चेम नहीं सजना
ओ पादली क्यों हो से प्यारी भरा रहे बच्चों ते यंगना
बड़े कुनवे की सीमारी रात दिन चेम नहीं सजना
ओ पादली क्यों हो से प्यारी भरा रहे बच्चों ते यंगना
आज मेरे ते नाटे मतना फेरु पाछतावे
फेरु पाछतावे
एरी पाबरी क्यों होरी गोरी राडे क्यों बढ़ावे
बैठ रास मेल गोरी राडे क्यों बढ़ावे
परुमे सारे धन्दे ने रेड होली कंचन काया
कमीना खाने पीन की छोड़ी जिस दिन तै ब्याह के
परुमे सारे धन्दे ने रेड होली कंचन काया
परुमे सारे धन्दे ने रेड होली कंचन काया
कमीना खाने पीन की छोड़ी जिस दिन तै ब्याह के लियाया
ना सोने कहार घड़ाया
बात क्यों बनाओ बैठ रास मेल गोरी राडे क्यों बढ़ावे
बैठ रास मेल गोरी राडे क्यों बढ़ावे
बात क्यों बनाओ बैठ राडे क्यों बढ़ावे
सहर में बनाए अलग कोटी कटे मोजन में दिन मारे
खरेगा कौन ब्याह सादी से छोटे भाई बैन क्वारे
कैसे काट चाले मेरी
बात ना सुहावे
बात ना सुहावे
बैठ रास मेल
गोरी राडे क्यों बढ़ावे
बैठ रास मेल
गोरी राडे क्यों बढ़ावे
गोरी राडे क्यों बढ़ावे
साजन क्यों लगावे देरी मने बहकावे
मने बहकावे देरी बैठ रहा समेल गोरी राण क्यों बढ़ावे
मने बहकावे देरी बैठ रहा
चलूँगी गर मेहरल मिलके बातिब समझ मेरे आई
मेरे बड़े बाग जो तेरे जैसी घर आली पाई
चलूँगी गर मेहरल मिलके बातिब समझ मेरे आई
मेरे बड़े बाग जो तेरे जैसी घर आली पाई
मेरे बड़े बाग जो तेरे जैसी घर आली पाई
मेरी ननद के भाई बिल्कुल मत घवरावे
चतर सिंह के गाने परंदिर रावत सुनावे
प्यारा हो जब पिया तने समझ क्यों ना आवे
बैठ रहा से मेल गोरी राड क्यों बढ़ावे
बैठ रहा से मेल गोरी राड क्यों बढ़ावे
बैठ राड क्यों बढ़ावे