दिनावा में बड़ी आरे धोखा दे ले रहा लूँ
हमार चैन दिल के सगरी तू ले ले रहा लूँ
हम बूझ न पवनी को बहूं तो हरा के कोरे जा
जिनगी में एगो बढ़के तू ज़मे ले रहा लूँ
एहर जाई पता न चले कब सुबह होत कब साम बाद
नॉमबर महीन तो हरा लाने बादला हम बे
नॉमबर महीन तो हरा लाने बादला हम बे
नॉमबर महीन तो हरा लाने बादला हम बे
हर एक बार
तो हर कोई को मुझार हमारा याद यावेला
धन्धा के दिन साचो कोई एको दिन ताही तभी को भावेला
दिलावा से हमारा खेल गईलू देखे धोखा तू अकेल कहीलू
साफ साफ कोहिले जोवत बात बात कुले आम बार
नोवंबर महीना तो हर नामें बादना हमारा
नोवंबर महीना तो हर नामें बादना हमारा
नोवंबर महीना तो हर नामें बादना हमारा
रहुन पबाद कोपी को लिले कबाद ऐसन साजा दिहालू
हो के या बाद हमक को के बार बाद अपने माझा लिहालू
परति के छड़ बनती के भड़िलू कोईलू जवन उतठी के कोईलू
तोहरा जस लोई किन के खाली दिलावे है तूरल काम बाद
नवंबर महीना तोहरा लामें बाद ना हम बाद