मुदाला रतेर परतम सहरे, परनो सराणा, एके एके जुले उठे।आकाशे रही ना, आकाशे रही ना।तमि बसय आछहर पसय, सहरि तमि, सहरि तमि।जगजग कपजग धरइ, दरि आमि खलव बशकि।मरा लारत यतको मतकर।कपजग, कपजग, समके ने, आमार अनस्व भुली बला किते खेल।कपजग, कपजग, समके ने, आमार अनस्व भुली बला किते खेल।सइल बखय, भसबी मने आळाले, जला गील गलकार सफे, जदो चुपी, चुपी, चुपी, चुपी, कथा बलते।तुमि ओ दिमनी, अमा काने कहने, कथा बलल।दमवि आच एदि, एसनाली आकाशा, अधारेर बुके आकाज़ना किरनल।सब तकुन सदव तमार आर आमार।