कभूए भूमाई मोरगा, राख़वनिम के पताई आके छा
अरहूला फुलमा के लड़ी लगाई,
पूजब माही तो हर पाँ, राख़वनिम के पताई आके छा
भूमाई मोरगा,
राख़वनिम के पताई आके छा
कबूए भूमाई मोरगा,
राख़वनिम के पताई आके छा
बरहो विजन के रशोई बनाई,
बुछा को लवंगिया से भूगवा लगाई,
पपूराम जी पर रखिया देया
पूजब माई तो हर पाँ,
राख़वनिम के पताई आके छा
कबोई भूमाई मूरधा,
रखो निम्ते पतया के शाम।