पोथी पडपड़ जगमुआ पंडित भया न कोई
धाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होई
उसकल तो है ये नई शुरुवात
जीवन के कुछ ये पल नहो ढाए ओजल
दिल में उम्मं लेटलर ना जारे क्या होगा कल
ना ना ना ये मौका ना खोना
आपको प्रेम का प्रेम प्रादाव ना खोना
ना ना ना तुम ना यूरो ना
खुश रहो भुस्कु रहो लेट सेलब्रेट
दिल मिलेनियम
जीना एक दोफा जीना है एक शाह
जीयो हर हाल में ना मानो हाँ
वियागी आचीज बोईज पांगे हम दुआ नई आशाई लाए संदो हजार
जीवन के कुछ ये पल ना हो जाए ओ जल दिल में उम्में
चल ना जाने क्या होगा कल ना ना ना ये मौका ना खोना
अगी जीना एक दोफा जीना है एक जीना हाँ पर प्रस्तुत पर खोने चाहते हैं
तेरे अर्माँ
पुछ भी सचे मन से मांगे हम गर तो साथ अपने है परमातमा चाहे जो भी हो
चाहे हम तो जीत लेंगे बाजी आओ मुस्कलाओ हमारे संद काओ ग्यों बुलेया
ना ना ना ये मौका ना खोना
हुश रहो, मुस्कलाओ,
लेट सेलब्रेट
दे निव मिलेनियम