नी लेपा
नी लेपा चड़के आगया बाप खाचु आळा
बाप खाचु आला यो तुताने आला भकतों के मन को भागया बाप खाचु आला
ऐसा है वो पांड़
विनन्दने गाता
उन्ह भाव खाचु ओरी बनड़ करता है
तीन बान कहै ये धारी शाम कली युग का वतारी
पकतों के मन्द को भागया पापा खाचुवाला
खाचुवर चुलका न विराजे हतों में मोर चरी है साजे